Bihar Board 12th Chemistry Answer Key 23 June 2025: 12th Chemistry Quarterly Exam Objective Subjective, 23 June 12th Chemistry Vkc Result
Bihar Board 12th Chemistry Answer Key 23 June 2025:
अगर आप भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के द्वारा जून त्रैमासिक परीक्षा 2025 में शामिल होने वाले हैं तो आप लोगों का त्रैमासिक परीक्षा 23 जून 2025 से 30 जून 2025 तक परीक्षा होने वाला है जिसमें आप लोगों का 23 जून 2025 सेकंड सिटींग रसायन शास्त्र का परीक्षा होने वाला है तो आज हम (12th Chemistry 23 June Objective+Subjective ) आपको देने वाले हैं इसके लिए आपको इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पूरा जरूर पढ़ें..
23 June 12th Chemistry Answer Key Quarterly Exam 2025:- View
Name Of The Board | Bihar BSEB Patna |
Quarterly Exam 2025 | Class 12th |
Session | 2024-26 |
Exam Start Date | 23-06-2025 |
Lat Exam Date | 30-06-2025 |
Today Exam | 23 June 2025 |
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Bihar Board 12th 23 June Quarterly Exam 2025: बिहार बोर्ड के द्वारा कक्षा 12वीं की त्रैमासिक परीक्षा क्यों लिया जाता है
हम आपको जानकारी देना चाहते हैं कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा त्रैमासिक परीक्षा का आयोजन जून माह से शुरू किया गया काफी सारे स्टूडेंट होंगे जिनके मन में या परसों उत्पन्न हो रहा है कि यह त्रैमासिक परीक्षा क्यों लिया जाता है तो सबसे पहले हम आपको बता दे कि यह परीक्षा सरकार के द्वारा 3 महीने बीत गया और फिर 3 महीने बाद फिर से एग्जाम होगा या सिलसिला आप लोगों का कब तक चलेगा जब तक आप 2026 में फाइनल परीक्षा नहीं दे देते तब तक आप लोगों का हर एक 3 महीने बाद यह परीक्षा होता रहेगा और भौतिक शास्त्र का वायरल क्वेश्चन लेने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें..
Bihar Board 12th Quarterly Exam 2025: कक्षा 12वीं का Original पेपर कहां से मिलेगा
अगर आप भी 2026 में कक्षा 12वीं का फाइनल एग्जाम देने वाले हैं तो आप लोगों का भी जून मन में त्रैमासिक परीक्षा लिया जा रहा है इस परीक्षा में सभी विद्यार्थियों को शामिल होना अनिवार्य है या परीक्षा 23 जून 2025 से 30 जून 2025 तक चलने वाला है जिसका परीक्षा 23 जून 2025 को Chemistry देने वाले है इस परीक्षा का Viral Question Paper आपको नीचे मिल जाएगा इसके लिए पूरा लेख जरूर पढ़ें…
Bihar Board 12th Chemistry 23 June Objective Answer Key Quarterly Exam 2025–
Q. No | ANS | Q. No | ANS | Q. No | ANS | Q. No | ANS |
1. | D | 26. | B | 51. | 76. | ||
2. | A | 27. | A | 52. | 77. | ||
3. | A | 28. | C | 53. | 78. | ||
4. | B | 29. | B | 54. | 79. | ||
5. | A | 30. | A | 55. | 80. | ||
6. | A | 31. | B | 56. | 81. | ||
7. | D | 32. | B | 57. | 82. | ||
8. | C | 33. | C | 58. | 83. | ||
9. | A | 34. | A | 59. | 84. | ||
10. | A | 35. | A | 60. | 85. | ||
11. | B | 36. | B | 61. | 86. | ||
12. | C | 37. | A | 62. | 87. | ||
13. | D | 38. | C | 63. | 88. | ||
14. | D | 39. | C | 64. | 89. | ||
15. | B | 40. | A | 65. | 90. | ||
16. | A | 41. | 66. | 91. | |||
17. | D | 42. | 67. | 92. | |||
18. | D | 43. | 68. | 93. | |||
19. | C | 44. | 69. | 94. | |||
20. | B | 45. | 70. | 95. | |||
21. | C | 46. | 71. | 96. | |||
22. | B | 47. | 72. | 97. | |||
23. | A | 48. | 73. | 98. | |||
24. | A | 49. | 74. | 99. | |||
25. | B | 50. | 75. | 100. |
12th Chemistry 23 June Subjective Question Answer 2025:
प्रश्न संख्या 1 से 20 लघु उत्तरीय हैं । किन्हीं 10 प्रश्नों के उत्तर दें । प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है :
1. मोल-अंश को परिभाषित करें।
उत्तर- मोल अंश-मिश्रण में किसी अवयव का मोल अंश मिश्रण में उस अवयव के मोल और मिश्रण के सभी अवयवों के कुल मोलों की संख्या का अनुपात होता है।अगर विलयन में दो अवयव A तथा B हैं तो A का मोल अंश = A के मोल/A के मोल + B के मोल B का मोल अंश = B के मोल/A के मोल + B के मोल
2. ले-शातेलिए नियम क्या है ?
उत्तर- यदि किसी अभिक्रिया की साम्यावस्था पर उसके साम्य को निर्धारित करने वाले कारक, जैसे – ताप, दाब या सान्द्रता में परिवर्तन कर दिया जाये तो साम्य उस दिशा में विस्थापित होगा जिससे इस कारक से होने वाले परिवर्तन का प्रभाव नष्ट हो जाता है अर्थात अभिक्रिया उस दिशा में होने लगेगी जिधर परिवर्तन का प्रभाव निरस्त हो जाता है।
3. आदर्श एवं अनादर्श विलयन में अंतर करें।
उत्तर- आदर्श और अनादर्श विलयन में मुख्य अंतर यह है कि आदर्श विलयन राउल्ट के नियम का पालन करते हैं, जबकि अनादर्श विलयन नहीं करते हैं। इसके अतिरिक्त, आदर्श विलयनों में, विलेय और विलायक के अणुओं के बीच की अंतःक्रिया समान होती है, जबकि अनादर्श विलयनों में यह भिन्न होती है. आदर्श विलयन (Ideal Solution):राउल्ट के नियम का पालन:आदर्श विलयन सभी सांद्रता और तापमान पर राउल्ट के नियम का पालन करते हैं. अणुओं के बीच अंतःक्रिया:विलेय और विलायक के अणुओं के बीच की अंतःक्रिया समान होती है, जैसे कि शुद्ध घटकों के अणुओं के बीच होती है. आयतन में परिवर्तन (ΔV):विलयन बनाने पर आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता है (ΔV = 0). ऊष्मा परिवर्तन (ΔH):विलयन बनाने पर ऊष्मा में कोई परिवर्तन नहीं होता है (ΔH = 0). उदाहरण:आमतौर पर, समान ध्रुवीयता वाले पदार्थों के विलयन, जैसे कि हेक्सेन और हेप्टेन, आदर्श विलयन बनाते हैं. अनादर्श विलयन (Non-ideal Solution):राउल्ट के नियम का पालन नहीं:अनादर्श विलयन सभी सांद्रता और तापमान पर राउल्ट के नियम का पालन नहीं करते हैं. अणुओं के बीच अंतःक्रिया:विलेय और विलायक के अणुओं के बीच की अंतःक्रिया शुद्ध घटकों के अणुओं के बीच की अंतःक्रिया से भिन्न होती है. आयतन में परिवर्तन (ΔV):विलयन बनाने पर आयतन में परिवर्तन हो सकता है (ΔV ≠ 0). ऊष्मा परिवर्तन (ΔH):विलयन बनाने पर ऊष्मा में परिवर्तन हो सकता है (ΔH ≠ 0). उदाहरण:इथेनॉल और पानी, या एसीटोन और क्लोरोफॉर्म के विलयन अनादर्श विलयन के उदाहरण हैं. संक्षेप में, आदर्श विलयन वे हैं जो एक आदर्श गैस की तरह व्यवहार करते हैं, जबकि अनादर्श विलयन नहीं करते हैं। अनादर्श विलयनों को आगे दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है: धनात्मक विचलन वाले और ऋणात्मक विचलन वाले.
4. वोल्टीय सेल का चित्रण करें और समझाएँ।
उत्तर- वोल्टीय सेल (Voltaic cell), जिसे गैल्वेनिक सेल भी कहा जाता है, एक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल है जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। यह एक स्वतःस्फूर्त रेडॉक्स (रिडक्शन-ऑक्सीकरण) प्रतिक्रिया का उपयोग करता है, जिसमें एक पदार्थ इलेक्ट्रॉन खोता है (ऑक्सीकरण) और दूसरा प्राप्त करता है (कमी), जिससे विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
5. निकाय Mg2+ | Mg का मानक इलेक्ट्रोड विभव आप किस प्रकार ज्ञात करेंगे ?
उत्तर- निकाय Mg2+/Mg का मानक इलेक्ट्रोड विभव ज्ञात करने के लिए इसे मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड( SHE ) से जोड़कर सेल का विधुत वहां बल ज्यात करते है | इसके लिए वोल्तेअर या विभवमापी प्रयुक्त किया जाता है मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड एक सदर्भ इक्लेक्ट्रोड हैक, जिक्स इलेक्ट्रोड विभव शून्य हॉट है | अतः सेल का विधुत वाहक बल ( emf ) दूसरी अर्द्धसेल (Mg2+/Mg) के मानकी इलेक्ट्रोड विभव ( अपचयन विभव ) के बराबर होगा | यहां Mg2+/Mg केथोड के रूपमे लिया जाता है|
7. इलेक्ट्रॉनिक चालकत्व किन बातों पर निर्भर करता है ?
उत्तर- इलेक्ट्रॉनिक चालकत्व (conductivity) निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है:पदार्थ की प्रकृति:विभिन्न पदार्थों में इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता और संख्या अलग-अलग होती है, जिससे उनकी चालकता भी अलग-अलग होती है. तापमान:तापमान बढ़ने पर, परमाणुओं की गति तेज हो जाती है, जिससे इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है और चालकत्व कम हो जाता है. अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल:चालक का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल जितना अधिक होगा, इलेक्ट्रॉनों के लिए उतना ही अधिक मार्ग उपलब्ध होगा, जिससे चालकत्व बढ़ जाएगा. चालक की लंबाई:चालक की लंबाई बढ़ने पर, इलेक्ट्रॉनों को अधिक दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे चालकत्व कम हो जाता है. इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता:इलेक्ट्रॉन जितने आसानी से गति कर सकते हैं, चालकत्व उतना ही अधिक होगा. इसके अलावा, कुछ अन्य कारक भी चालकत्व को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि: विद्युत क्षेत्र की ताकत:विद्युत क्षेत्र जितना मजबूत होगा, इलेक्ट्रॉनों को उतना ही अधिक बल लगेगा और चालकत्व बढ़ जाएगा।दबाव:दबाव बढ़ने पर, परमाणुओं की दूरी कम हो जाती है, जिससे इलेक्ट्रॉनों की गतिशीलता बढ़ जाती है और चालकत्व बढ़ सकता है।
8. अभिक्रिया की कोटी किसे कहते हैं ?
उत्तर- अभिक्रिया की कोटि (Order of reaction) वह संख्या है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया के वेग नियम में अभिकारकों की सांद्रता के घातांकों का योग होती है। दूसरे शब्दों में, यह अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करने वाले अभिकारकों की सांद्रता की घातों का योग है.
9. अभिक्रिया की आण्विकता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- अभिक्रिया की आण्विकता (Molecularity) से तात्पर्य उस अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणुओं, परमाणुओं या आयनों की संख्या से है जो एक साथ टकराकर रासायनिक अभिक्रिया को संपन्न करते हैं। दूसरे शब्दों में, यह एक प्राथमिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों के अणुओं की संख्या है।
10. प्रथम कोटि अभिक्रिया के दो उदाहरण दें।
उत्तर– प्रथम कोटि अभिक्रिया के दो उदाहरण हैं:
1) एस्पिरिन का जल अपघटन और
2) टी-ब्यूटाइल ब्रोमाइड का जल अपघटन11. एजियोट्रोपिक मिश्रण को परिभाषित करें।उत्तर- एजियोट्रोपिक मिश्रण दो या दो से अधिक तरल पदार्थों का मिश्रण होता है जो एक निश्चित तापमान पर उबलता है और जिसका वाष्प चरण में समान संरचना होता है, बिल्कुल तरल चरण के समान।
12. अणुसंख्य गुणधर्मों के अनुप्रयोग को लिखें।
उत्तर- अणुसंख्य गुणधर्म (Colligative properties) विलयनों के वे गुण होते हैं जो विलेय की संख्या पर निर्भर करते हैं, न कि विलेय की प्रकृति पर। इन गुणों में वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन, क्वथनांक का उन्नयन, हिमांक का अवनमन और परासरण दाब शामिल हैं। इन गुणों का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है। अणुसंख्य गुणधर्मों के अनुप्रयोग: 1. अणुभार का निर्धारण:अणुसंख्य गुणधर्मों का उपयोग अवाष्पशील विलेय पदार्थों का अणुभार ज्ञात करने के लिए किया जाता है। 2. ठोस पदार्थों की विलेयता का अध्ययन:अणुसंख्य गुणधर्मों का उपयोग विभिन्न ठोस पदार्थों की विलेयता का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। 3. हिमरोधी (Antifreeze) का निर्माण:कार के रेडिएटरों में पानी को जमने से रोकने के लिए एथिलीन ग्लाइकोल जैसे हिमरोधी का उपयोग किया जाता है, जो कि अणुसंख्य गुणधर्मों पर आधारित है 4. लवणों का उपयोग:समुद्र के पानी से नमक प्राप्त करने के लिए, या मिट्टी से लवणों को हटाने के लिए, परासरण दाब का उपयोग किया जाता है।5. रक्त के नमूनों का परिक्षण:रक्त के नमूनों में मौजूद विलेय की सांद्रता को निर्धारित करने के लिए परासरण दाब का उपयोग किया जाता है।
13. क्वथनांक का उन्नयन किसे कहते हैं ?
उत्तर- किसी विलायक में अवाष्पशील विलेय मिलाने पर उसके क्वथनांक में वृध्दि हो जाती है। इस क्वथनांक उन्नयन कहते है।14. प्रतिलोम परासरण किसे कहते हैं ?उत्तर- प्रतिलोम परासरण (Reverse Osmosis) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक विलयन पर उसके परासरण दाब से अधिक दाब लगाया जाता है, जिससे विलायक, अर्द्धपारगम्य झिल्ली के माध्यम से, विलयन से शुद्ध विलायक की ओर प्रवाहित होने लगता है।
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